Heath Fitness Tips Swadeshi Ayurveda Chikitsalaya हम जागरूकता फैला रहे है जल्दी सब अच्छे होगे: August 2016

Monday, 29 August 2016

वायरल फीवर ...................................

स्वस्थ भारत की और छोटा सा कदम.......👣👣👣की और छोटी सी पेशकश आज कल या जब भी मौसम परिवर्तन होता है तो परिवार में  यह नाम सुनाई देता है कि वायरल फीवर हो गया है और डॉक्टर्स और हॉस्पिटल मैं एक लंबी कतार होती है इस बीमारी को ठीक करने के लिये और डॉ जांच और कुछ एंटीबायोटिक और साल्ट लेकर हम ठीक होते हो जाते है और जब तक  जेब से करीब 500 ₹ तक खर्च हो जाते है ।
और आपकी रसोई घर की ताकत का एक छोटा सा उधारहण नीचे पढ़े।
🍎🍎🍎🍎🍎🍎🍎🍎🍎
आज कल वाइरल fever  बहुत फैला हुआ है और उसका कोई इलाज भी नहीं है। वाइरस अपना चक्र पूरा करता ही करता है।
इसके लिये आप

१ छोटा चम्मच सादा सफ़ेद नमकको तवे पर तब तक भूनें जब तक ये अपना रंग न बदलने लगे, रंग बदलते(हल्का भूरा या हल्का सा कालिमा लिए हुए) ही इसे तवे से उतार लें और इसमें तुरंत १ चम्मच अजवाइन भून लें (ध्यान रखें भूनें पर जले न)।

इस मिश्रण को इक ग्लास पानी में घोल कर उसमें इक पूरा नींबू निचोड़ कर पी लें !

एक दिन में ही बुखार छू मंतर होते देखा है !
ये नुस्ख़ा टाइफ़ॉड और malariaमें भी उतना ही कारगर है !
🍎🍎🍎🍎🍎🍎🍎🍎🍎

यह मैसेज अगर आपको अच्छा लगे या समझ में आये की यह किसी के लिया रामबाण की तरह काम आएगा तो आप से 🙏निवेदन है कि इस 📨मैसेज को अपने परिचित /मित्र/ या आपके व्हाट्स एप्प ग्रुप फ्रेंड्स तक भेज दे ।

आपका यह कदम स्वस्थ भारत के निर्माण मैं योगदान के रूप में होगा

दुआ मैं बड़ी ताकत होती है

स्वस्थ रहो मस्त रहो व्यस्त रहो और सदा खुश रहो

थाइराइड का अचूक उपचार.

थाइराइड का अचूक उपचार 🌻
आज के समय में ज़्यादातर लोगों को थाइराइड की समस्या है, इसके कारण सैकड़ों बीमारियां घेर लेती है।डॉ जितेंद्र गिल कहते हैं
मोटापा इसी के कारण बढ़ जाता है।
लोग दवा खाते रहते हैं लेकिन ये ठीक नही होता।
इसलिए दवा के साथ कुछ नियम जान लें 10 दिन में थाइराइड से आराम मिल जायेगा।
✍1: घर से रिफाइंड तेल बिलकुल हटा दीजिये, न सोयाबीन न सूरजमुखी, भोजन के लिए सरसों का तेल, तिल का तेल या देशी घी का प्रयोग करें।
✍2: आयोडीन नमक के नाम से बिकने वाला ज़हर बंद करके सेंधा नमक का प्रयोग करें, समुद्री नमक BP, थाइराइड, त्वचा रोग और हार्ट के रोगों को जन्म देता है।
✍3: दाल बनाते समय सीधे कुकर में दाल डाल कर सीटी न लगाएं, पहले उसे खुला रखें, जब एक उबाल आ जाये तब दाल से फेना जैसा निकलेगा, उसे किसी चमचे से निकाल कर फेंक दें, फिर सीटी लगा कर दाल पकाएं।
इन तीन उपायों को अगर अपना लिया तो पहले तो किसी को थाइराइड होगा नही और अगर पहले से है तो दवा खा कर 10 दिन में ठीक हो जायेगा।
✍ थाइराइड की दवा:
2 चम्मच गाजर का रस
3 चम्मच खीरे का रस
1 चम्मच पिसी अलसी
तीनो को आपस में मिला कर सुबह खाली पेट खा लें।
इसे खाने के आधे घंटे बाद तक कुछ नही खाना है।
डॉ जितेंद्र गिल सदस्य भारतीय चिकित्सा परषिद कहते हैं क़ि ये इलाज़ रोज सुबह खाली पेट कर लें 7 दिन में परिणाम देख लें।इसके साथ उज्जायी प्राणायाम व् सिंह आसान जरूर करें।कृपया जनहित मे सभी को भेजें।

Thursday, 25 August 2016

स्वस्थ रहने के स्वर्णिम सूत्र.

स्वस्थ रहने के स्वर्णिम सूत्र

-सदा ब्रह्ममुहूर्त (पातः 4-5 बजे) में उठना चाहिए।
इस समय प्रकृति मुक्तहस्त से स्वास्थ्य, प्राणवायु,
प्रसन्नता, मेघा, बुद्धि की वर्षा करती है।

-बिस्तर से उठते ही मूत्र त्याग के पश्चात उषा पान
अर्थात बासी मुँह 2-3 गिलास शीतल जल के सेवन
की आदत सिरदर्द, अम्लपित्त, कब्ज, मोटापा,
रक्तचाप, नैत्र रोग, अपच सहित कई रोगों से
हमारा बचाव करती है।

-स्नान सदा सामान्य शीतल जल से करना चाहिए।
(जहाँ निषेध न हो)

-स्नान के समय सर्वप्रथम जल सिर पर
डालना चाहिए, ऐसा करने से मस्तिष्क
की गर्मी पैरों से निकल जाती है।

-दिन में 2 बार मुँह में जल भरकर, नैत्रों को शीतल जल
से धोना नेत्र दृष्टि के लिए लाभकारी है।

-नहाने से पूर्व, सोने से पूर्व एवं भोजन के पश्चात् मूत्र
त्याग अवश्य करना चाहिए। यह आदत आपको कमर
दर्द, पथरी तथा मूत्र सम्बन्धी बीमारियों से
बचाती है।

-सरसों, तिल या अन्य औषधीय तेल की मालिश
नित्यप्रति करने से वात विकार,, बुढ़ापा, थकावट
नहीं होती है। त्वचा सुन्दर , दृष्टि स्वच्छ एवं शरीर
पुष्ट होता है।

-शरीर की क्षमतानुसार प्रातः भ्रमण, योग,
व्यायाम करना चाहिए।
अपच, कब्ज, अजीर्ण,
मोटापा जैसी बीमारियों से बचने के लिए भोजन
के 30 मिनट पहले तथा 30 मिनट बाद तक जल
नहीं पीना चाहिए। भोजन के साथ जल
नहीं पीना चाहिए। घूँट-दो घूँट ले सकते हैं।
दिनभर में 3-4 लीटर जल थोड़ा-थोड़ा करके पीते
रहना चाहिए।

-भोजन के प्रारम्भ में मधुर-रस (मीठा), मध्य में अम्ल,
लवण रस (खट्टा, नमकीन) तथा अन्त में कटु, तिक्त,
कषाय (तीखा, चटपटा, कसेला) रस के
पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

-भोजन के उपरान्त वज्रासन में 5-10 मिनट
बैठना तथा बांयी करवट 5-10 मिनट
लेटना चाहिए।

-भोजन के तुरन्त बाद दौड़ना, तैरना, नहाना, मैथुन
करना स्वास्थ्य के बहुत हानिकारक है।

-भोजन करके तत्काल सो जाने से
पाचनशक्ति का नाश हो जाता है जिसमें
अजीर्ण, कब्ज, आध्मान, अम्लपित्त
जैसी व्याधियाँ हो जाती है। इसलिए
सायं का भोजन सोने से 2 घन्टे पूर्व हल्का एवं
सुपाच्य करना चाहिए।

-शरीर एवं मन को तरोताजा एवं क्रियाशील रखने
के लिए औसतन 6-7 घन्टे की नींद आवश्यक है।

-गर्मी के अलावा अन्य ऋतुओं में दिन में सोने एवं
रात्री में अधिक देर तक जगने से शरीर में भारीपन,
ज्वर, जुकाम, सिर दर्द एवं अग्निमांध होता है।

-दूध के साथ दही, नीबू, नमक, तिल उड़द, जामुन,
मूली, मछली, करेला आदि का सेवन
नहीं करना चाहिए। त्वचा रोग एवं ।ससमतहल होने
की सम्भावना रहती है।

-स्वास्थ्य चाहने वाले व्यक्ति को मूत्र, मल, शुक्र,
अपानवायु, वमन, छींक, डकार, जंभाई, प्यास, आँसू
नींद और परिश्रमजन्य श्वास के वेगों को उत्पन्न
होने के साथ ही शरीर से बाहर निकाल
देना चाहिए।

-रात्री में सोने से पूर्व दाँतों की सफाई,
नैत्रों की सफाई एवं पैरों को शीतल जल से धोकर
सोना चाहिए।

-रात्री में शयन से पूर्व अपने किये गये
कार्यों की समीक्षा कर अगले दिन की कार्य
योजना बनानी चाहिए। तत्पश्चात् गहरी एवं
लम्बी सहज श्वास लेकर शरीर को एवं मन
को शिथिल करना चाहिए। शान्त मन से अपने
दैनिक क्रियाकलाप, तनाव, चिन्ता, विचार सब
परात्म चेतना को सौंपकर निश्चिंत भाव से
निद्रा की गोद में जाना चाहिए।

गौ घृत की महिमा एवं सम्पूर्ण फायदे:-

गौ घृत की महिमा एवं सम्पूर्ण फायदे:-

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यज्ञ में देशी गाय के घी की आहुतियां देने से पर्यावरण शुध्द होता है गाय के घी में चावल मिलाकर यज्ञ में आहुतियां देने से इथिलीन आक्साइड और फाममोल्डिहाइड नामक यौगिक गैस के रूप में उत्पन्न होते हैं इससे प्राण वायु शुध्द होती है ये दोनों यौगिक जीवाणरोधक होते हैं-

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प्रातः सूर्योदय के समय एवं सायंकाल सूर्यास्त के समय गाय का घी और चावल मिलाकर दो-दो आहूतियां मंत्र के साथ देने पर आसपास का वातावरण कीटाणुरहित हो जाता है-




गाय के  घी से आहुतियां देने पर यह देखा गया है कि जितनी दूर तक यज्ञ के धुएं का प्रभाव फैलता है उतनी ही दूर तक वायुमंडल में किसी प्रकार के कीटाणु नहीं रहते है और वह क्षेत्र पूरी तरह से कीटाणुओं से मुक्त हो जाता है-कृत्रिम वर्षा कराने के लिए वैज्ञानिक, प्रोपलीन आक्साइड गैस का प्रयोग करते हैं-गाय के घी से आहुति देने पर यह गैस प्राप्त होती है। प्राचीन काल में भू-जल का उपयोग कृषि में सिंचाई के लिए नहीं किया जाता था-यज्ञ होते रहने से समय-समय पर वर्षा होती रहती थी-

शरीर में पहुंचे रेडियोधर्मी विकिरणों का दुष्प्रभाव नष्ट करने की असीम क्षमता हैं । अग्नि में गाय का घी कि आहुति देने से उसका धुआँ जहाँ तक फैलता है,वहाँ तक का सारा वातावरण प्रदूषण और आण्विक विकरणों से मुक्त हो जाता हैं । सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि एक चम्मच गौघृत को अग्नि में डालने से एक टन प्राणवायु (ऑक्सीजन) बनती हैं जो अन्य किसी भी उपाय से संभव नहीं हैं -

अब जाने रोगों में इसका प्रभाव-

कहते है पुराना घी गुणी होता है जी हाँ ये सच है जितना ही गाय का घी पुराना हो उतना ही गुणी हो जाता है पुराना घी तीक्ष्ण, खट्टा, तीखा, उष्ण, श्रवण शक्ति को बढ़ाने वाला घाव को मिटाने वाला, योनि रोग, मस्तक रोग, नेत्र रोग, कर्ण रोग, मूच्छा, ज्वर, श्वांस, खांसी, संग्रहणी, उन्माद, कृमि, विष आदि दोषों को नष्ट करता है। दस वर्ष पुराने घी को कोंच, ग्यारह वर्ष पुराने घी को महाघृत कहते हैं-

स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए प्रतिदिन रात्रि को सोते समय गो-दो बूंद देशी गाय का गुनगुना घी दोनों नाक के छेदों में डालें। यह घी रात भर मस्तिष्क को प्राणवायु पहुंचाता रहता है और विद्युत तरंगों से मस्तिष्क को चार्ज करता रहता है। इससे मस्तिष्क की शक्ति बहुत बढ़ जाती है। यदि यह क्रिया प्रातः, अपराह्न और रात को सोते समय  कई माह तक की जाती रहे तो श्वास के प्रवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं और अनेक पुराने रोग ठीक हो जाते हैं-

शुष्कता, सूजन, रक्तस्राव, सर्दी, सायनस संक्रमण, नासिका गिल्टी आदि ठीक हो जाते हैं और वायु मार्ग खुल जाने से श्वास की बाधा दूर हो जाती है। नाक में घी डालने के साथ-साथ दो बूंद घी नाभि में डालें और फिर अंगुली से दोनों ओर थोड़ी देर घुमाएं। गाय का घी अपने हाथ से पांव के तलवों पर मालिश करें, इससे बहुत अच्छी नींद आती है, शांति और आनन्द प्राप्त होता है-

देसी गाय के घी को रसायन कहा गया है। जो जवानी को कायम रखते हुए, बुढ़ापे को दूर रखता है। काली गाय का घी खाने से बूढ़ा व्यक्ति भी जवान जैसा हो जाता है-

गाय के घी में स्वर्ण छार पाए जाते हैं जिसमे अदभुत औषधिय गुण होते है, जो की गाय के घी के इलावा अन्य घी में नहीं मिलते । गाय के घी से बेहतर कोई दूसरी चीज नहीं है-

गाय के घी में वैक्सीन एसिड, ब्यूट्रिक एसिड, बीटा-कैरोटीन जैसे माइक्रोन्यूट्रीस मौजूद होते हैं। जिस के सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। गाय के घी से उत्पन्न शरीर के माइक्रोन्यूट्रीस में कैंसर युक्त तत्वों से लड़ने की क्षमता होती है-


यदि आप गाय के 10 ग्राम घी से हवन अनुष्ठान (यज्ञ) करते हैं तो इसके परिणाम स्वरूप वातावरण में लगभग 1 टन ताजा ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकते हैं। यही कारण है कि मंदिरों में गाय के घी का दीपक जलाने कि तथा , धार्मिक समारोह में यज्ञ करने कि प्रथा प्रचलित है। इससे वातावरण में फैले परमाणु विकिरणों को हटाने की अदभुत क्षमता होती है-

गाय के घी के उपयोग-

गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है-

गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बहार निकल कर चेतना वापस लोट आती है-गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है। गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है-

आयुर्वेद विशेषज्ञो के अनुसार अनिद्रा का रोगी शाम को दोनों नथुनो में गाय के घी की दो – दो बूंद डाले और रात को नाभि और पैर के तलुओ में गौघृत लगाकर लेट जाय तो उसे प्रगाढ़ निद्रा आ जायेगी-


नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तारो ताजा हो जाता है- गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है-

गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है-
आपको यदि अगर अधिक कमजोरी लगे तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें-

गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है-

गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है याददाश्त तेज होती है इसलिए पहले के लोगो में उर्जा और ज्ञान का अभाव नहीं था मुंह-जबानी पूरा ग्रन्थ रट लिया करते थे -

हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए-हिचकी स्वयं रुक जाएगी-

गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है-

हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा-

गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है। देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है-

गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है-

हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ढीक होता है-

बीस से पच्चीस ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है-

सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम घी पिलायें उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम हो जायेगा-

फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।गाय के घी की झाती पर मालिस करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायक होता है-

दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ढीक होता है। सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द ठीक हो जायेगा-

जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, हर्दय मज़बूत होता है-

संभोग के बाद कमजोरी आने पर एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच देसी गाय का घी मिलाकर पी लें। इससे थकान बिल्कुल कम हो जाएगी-

एक बात याद रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। वजन भी नही बढ़ता, बल्कि वजन को संतुलित करता है । यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है-

एक चम्मच गाय का शुद्ध घी में एक चम्मच बूरा और 1/4 चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आँखों की ज्योति बढ़ती है-

गाय का घी एक अच्छा(LDL)कोलेसट्रॉल है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय का घी ही खाना चाहिए। यह एक बहुत अच्छा टॉनिक भी है। अगर आप गाय के घी की कुछ बूँदें दिन में तीन बार,नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को संतुलित करता है-

गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और फिर घी को पानी से अलग कर ले यह प्रक्रिया लगभग सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें। इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिसे जिसे त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक मलहम कि तरह से इस्तेमाल कर सकते है। यह सौराइशिस के लिए भी कारगर है-

घी और छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शक्कर (बूरा) तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बाँध लें। प्रातः खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा कुनकुना दूध घूँट-घूँट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है -

तो फिर अभी भी सोच रहे है आप आज से ही गाय का शुध घी घर लाये कुछ खाए और कुछ पुराना होने को रख दे ये सोच कर कि कभी न कभी आपको इसकी जरुरत पड़ सकती

Wednesday, 24 August 2016

☘ *केल्शियम फिर से बनने लगेगा* ☘

☘ *केल्शियम फिर से
बनने लगेगा* ☘
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👉 केल्शियमकि कमि
👉 विटामिन D-3 कि कमि
👉 B-12 कमि ,
👉 शुक्र धातु कि कमि ,
👉 लुब्रिकेट्स ( शरिर के जोडो के अंदरका चिकना पदाथँ )कम होने के होने वाले ददँ,
👉 आेस्ट्रियो आथँराईटिस ,
👉 आेस्ट्रियो पोरोसिस
👉 धुंटनो का धीस जाना
👉 धुंटनो मे गैप पड जाना.
👉 आेपरेशन के बाद धुंटनो मे ददँ

उपर बताई गई सभी तकलिफो का रामबाण ईलाज संजिवनी द्वारा सटिक ईलाज किया गया है

रामबाण आैषधि योग
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👉 सफेद मुसलि 50 GMs
👉 अश्वगंधा 30 GMs
👉 शतावर जड. 20 GMs
👉 ईलायचि 10 GMs
👉 गोखरु 30 GMs
👉 प्रवाल पिष्टि 10 GMs
👉 कुकुडन्तांक भस्म. 05 GMs
👉 शंख भस्म. 10 GMs
👉 मुक्ता शुकित भस्म. 05 GMs
👉 कपदिँका भस्म. 10 GMs
👉 सुवणँ माक्षिक भस्म 5 GMs
👉 हाडँजोड. 10 GMs

👉 उपर बताई गई आैषधि पंसारि से आैर सभी भस्म सिफँ बैधनाथ कंपनि कि हि ले.

सभी को मिक्स करके चूरन बनाकर सुबह शाम आधा -आधा चमच लेकर 150 ml दूध मे मिलाकर सुबह शाम ले.

⭕ 10 दिनो के अंदर हि अापके धुंटनो मे बिलकुल आराम दिखने लगेगा. पर 3 महिने सेवन करना है.

⭕ आैपरेशन कि भी कोई जरुरत नहि पडेगी

⭕ ईसमे कुदरति केल्शियम है तो , केल्शियम कि रोज बरोज कि ऐलोपैथिक दवाई कि जरुरत नहि ,

⭕ जोंईन्ट रिप्लेसमेंट करवाने कि जरुरत नहि , ये जोईन्ट ठीक करता है.

⭕ विटामिन्स -मिनरल्स खाने कि जरुरत नहि , ईसमे विटामिन्स है

⭕ बि -१२ भी भरपुर होता है तो ईन्जेक्शन नहि लेने पडेगे आपको

⭕ विटामिन D-3 का कुदरति स्ञोत है . तो उसकि गोलियो कि जरुरत नहि

⭕ जिन लोगो को धुंटनो का ददँ है वो अवश्य सेवन करे

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सुचना : इन उपायों को आजमाने से पूर्व चिकित्सक की सलाह अवश्य लें |

Friday, 19 August 2016

जीरा खाएं मोटापा घटाएं  ------------------

हमारी किचन में लगभग हर सब्जी- रायता में जीरा उपयोग में लाया जाता है तो फिर देर किस बात की, बस एक चम्‍मच जीरा रोज खाऐं और तीन गुना तेजी से Fat कम करें।
भारतीय खाने में बेहतरीन स्वाद और खुशबू से आगे भी हैं इसके कई फायदे। कई रोगों में दवा के रूप में इसका इस्‍तेमाल किया जाता है क्योंकि जीरे में मैंगनीज, लौह तत्व, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और फॉस्फोरस भरपूर मात्रा में होता है। इसे मेक्सीको, इंडिया और नार्थ अमेरिका में बहुत उपयोग किया जाता है। इसकी सबसे खासियत यह है कि यह वजन तेजी से कम करता है।

जीरा खाएं मोटापा घटाएं
वजन कम करने के लिए भी जीरा बहुत उपयोगी होता है। एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि जीरा पाउडर, के सेवन से शरीर मे वसा का अवशोषण कम होता है जिससे स्वाभाविक रूप से वजन कम करनें में मदद मिलती है। एक बड़ा चम्‍मच जीरा एक गिलास पानी मे भिगो कर रात भर के लिए रख दें। सुबह इसे उबाल लें और गर्म-गर्म चाय की तरह पिये। बचा हुआ जीरा भी चबा लें।

इसके रोजाना सेवन से शरीर के किसी भी कोने से अनावश्यक चर्बी शरीर से बाहर निकल जाता है। इस बात का विशेष ध्यान रखे की इस चूर्ण को लेने के बाद 1 घंटे तक कुछ न खायें। भुनी हुई हींग, काला नमक और जीरा समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें, इसे 1-3 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार दही के साथ लेने से भी मोटापा कम होता है। इसके सेवन से न केवल शरीर से अनावश्यक चर्बी दूर हो जाती है बल्कि शरीर में रक्त का परिसंचरण भी तेजी से होता है। और कोलेस्‍ट्रॉल भी घटता है।

इन बातों का भी रखें ध्यान
इस दवाई को लेने के बाद रात्रि में कोई दूसरी खाद्य-सामग्री नहीं खाएं। यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है, तम्बाकू-गुटखा खाता या मांसाहार करता है तो उसे यह चीजें छोड़ने पर ही दवा फायदा पहुचाएंगी। शाम का भोजन करने के कम-से-कम दो घंटे बाद दवाई लेनी है।

आखों में लगा चश्मा जल्द ही उतर सकता है।

बदलते लाइफस्टाइल में लोगों के खान-पान में बदलाव, कंप्यूयर पर लगातार काम करना, मोबाईल फोन, और अधिक समय तक टीवी देखने की वजह से अाज कम उम्र के बच्चों को भी अांखों पर चश्मा लग जाता है जिसकी वजह से चश्में का नंबर बढ़ने लगता है।  एेसे में अांखों का इलाज करवाने पर भी अांखों की रोशनी वापस नहीं अाती लेकिन अब अापको परेशान होने की जरूरत नहीं क्योंकि अाज हम अापको अांखों की रोशनी को तेज करने के लिए कुछ उपाय बता रहें जिसकी मदद से अापका चश्मा हमेशा के लिए उतर जाएंगा।

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1.आंवला

सुबह खाली पेट आवला का रस पीने से और आंवला के मुरब्बे का सेवन करने से अांखों की रोशनी तेज होती है।

2.इलायची

एक इलायची और एक चम्मच सौंफ को एक गिलास दूध के साथ पीने से चश्मा उतर जाता है।

3.पालक और मेथी

रोजाना पालक और मेथी का सेवन करने से आंखों की रोशनी तेज होती है और लगा चश्मा भी उतर जाता है।

4.अखरोट

अखरोट के तेल से आंखों के चारों तरफ मसाज करने से आंखों की रौशनी बढ़ती है और अांखों की अनेक तरह की समस्याएं दूर हो जाती है।

5.गाजर का जूस

रोजाना एक गिलास गाजर का जूस पीने से आखों में लगा चश्मा जल्द ही उतर सकता है।

6.बादाम

पानी में भीगे हुए बादाम खाने दिमाग तो तेज होता ही है और साथ ही अांखों की रोशनी तेज होती है। रोज़ सुबह खाली पेट में 7-8 बादाम भीगा कर खाएं।

7.सौफ और मिश्री

एक चम्मच सौफ और मिश्री, 4-5 भीगा हुए बादाम को दूध के साथ रोज़ रात में खाकर सोने से अांखों ठीक रहती है।

8.शहद और मुलेठी

शहद, मुलेठी और आधा चम्मच देशी घी दूध में घोल कर पीने से चश्मा उतर जाता है।

9.देसी घी

रात को कानों के पीछे देसी घी से मालिस करने से चश्मे का नंबर कम हो जात है।

10.त्रिफला चूर्ण

त्रिफला चूर्ण बनाकर रोज़ सेवन करने से आंखों की रोशनी तेज होती है।

Wednesday, 17 August 2016

सेक्‍स (यौन) शक्ति बढ़ाने के उपाय.

१ * रोज सुबह सवेरे नाश्‍ते में एक ग्‍लास टमाटर के रस में एक दो चम्‍मच शहद मिलाकर पीने से ताकत बढ़ती है।

२ * सेक्‍स शक्ति बढ़ाने के लिए रोजाना सौ ग्राम छुहारे दूध के साथ खाएं।

३ * दस-पन्‍द्रह मुनक्‍कों को पानी में धो कर दूध में उबालें। इससे वह फूल कर मीठे हो जाएंगे। आप इन्‍हें खाकर ऊपर से वही दूध पी लें। सेक्‍स शक्ति में इजाफा होगा।

४ * लहसुन को सेक्‍स शक्ति बढ़ाने और सेक्‍स संबंधी कमजोरी दूर करने के लिए बहुत अच्‍छा माना जाता है। लहसुन की दो-तीन कलियां कच्‍ची ही खाने से सेक्‍स क्षमता बढ़ती है।

५ * कूटे हुए छुहारे, पिस्‍ता, बादाम व बेल फल के बीज को समान मात्रा में मिलाकर खाने से पुरूषों की यौन क्षमता बढ़ती है।

६ * सर्दी का मौसम हो तो सुबह दो-तीन खजूर घी में भूनकर नियमित रूप से खाने से भी ताकत में इजाफा होता है।

७ * प्‍याज का रस सेक्‍स शक्ति बढ़ाने का कारगर उपाय है। विशेषकर सफेद प्‍याज (जोकि आमतौर पर बाजार में मिलती नहीं है। इसलिए जब भी आपको बाजार में सफेद प्‍याज दिखाई दे, तो तुरंत खरीद लें)। आप रोज प्‍याज का रस पी‍एं। रस पीना रोज संभव न हो तो कच्‍ची प्‍याज सलाद में अधिक अधिक मात्रा में खाएं। सेक्‍स शक्ति को बल मिलेगा।

८ * एक ग्राम जायफल का चूर्णं सुबह ताजे पानी के साथ लेने से सेक्‍स क्षमता में बढ़ोत्‍तरी होती है।

९ * यदि सेक्‍स करने की इच्‍छा में कमी आई है, तो आप १५० ग्राम गाजर को काटकर हाफ बॉयल्‍ड अंडा और एक चम्‍मच शहद मिलाकर दो ढाई माह तक दिन में एक बार खाएं। सेक्‍स के प्रति अरूचि दूर हो जाएगी।

१० * छह मिलीग्राम प्‍याज का रस, ढाई चम्‍मच शहद, ३ ग्राम घी एक साथ मिलाकर रोज शक्‍कर मिला दूध पिएं। यह नुस्‍खा दो तीन माह तक इस्‍तेमाल करने से वीर्य में वृद्धि होती है और वीर्य गाढ़ा हो जाता है। वीर्य यदि गाढ़ा हो गया तो ठहराव भी ज्‍यादा देर तक होगा.

धातु दुर्बलता दूर करने के उपाय

धातु दुर्बलता दूर करने के उपाय


१ * बीस मिलीग्राम ताजे आंवले का रस लें और उसमें शहद मिलाकर पीने से धातु पुष्‍ट होती है।

२ * रोज सुबह दो-तीन खजूर को घी में भूनकर खाइए और ऊपर से इलायची, चीनी और कौंच डालकर उबाला गया दूध पिएं। इससे धातु दुर्बलता दूर होती है।

३ * इलायची दाना, बादाम, जावित्री का चूर्णं, शक्‍कर व गाय का मक्‍खन एक साथ मिलाकर खाने से धातु पुष्‍ट होती है।

४ * अमलतास की छाल का महीन चूर्णं दो ग्राम की मात्रा में लेकर उसमें ४ ग्राम शक्‍कर मिलाकर गाय के दूध के साथ सुबह शाम लेने से बहुत फाएदा होता है।


धातुस्राव होने पर इन उपायों को अजमाएं


१ * आप तुलसी की जड़ सुखाकर उसका चूर्णं बना लें। फिर यह चूर्णं एक ग्राम मात्रा में, एक ग्राम अश्‍वगंधा के चूर्णं में मिलाकर खाएं और ऊपर से दूध पी जाएं, आपको बहुत लाभ होगा।

२ * बीस ग्राम उड़द की दाल का आटा लेकर उसे गाय के दूध में उबालें। फिर इसमें थोड़ा सा घी मिलाकर कुनकुना ही पी जाएं। इसका रोज सेवन करने से पेशाब की नली से धातु स्राव पूरी तरह बंद हो जाएगा। (उड़द की दाल सेक्‍स पावर बढ़ाने और उसकी समस्‍याओं को दूर करने में बहुत सहायक होती है)

३ * ५० ग्राम इलायची, १५-२० तुलसी के पत्‍ते व दस ग्राम मिश्री का क्‍वाथ बनाकर पीने से बहुत लाभ होता है।

४ * इलायची दाने और सेंकी हुई हींग का लगभग तीन रत्‍ती चूर्णं घी और दूध के साथ पीने से पेशाब में धातु का स्राव बंद हो जाता है।

५ * कड़वे कुंदरू की जड़ का क्‍वाथ बनाकर २०-२५ दिन तक सेवन करने से धातु स्राव बंद हो जाता है, साथ ही मर्दानगी भी बढ़ती है।

नपुसंकता दूर कर मर्दांगनी वापस पाने के उपाय

नपुसंकता दूर कर मर्दांगनी वापस पाने के उपाय


१ * तिल और गोखरू दूध में उबालकर पीने से बहुत लाभ होता है।

२ * दो सौ ग्राम लहसुन पीसकर उसमें ६०० ग्राम शहद मिलाकर एक साफ जार में भर कर अच्‍छी तरह ढक्‍कन बंद करके गेहूं की बोरी में रख दें। फिर तीस दिन बाद उसे बोरी से बाहर निकालें और
१० ग्राम की मात्रा में चालीस पचास दिनों तक रोज सेवन करने से नपुसंकता दूर होती है और खोयी हुई मर्दांगनी वापस आ जाती है।

३ * पन्‍द्रह ग्राम तुलसी के बीज और ३० ग्राम सफेद मूसली का पाउडर तैयार करें। फिर इसमें ६० ग्राम मिश्री पीसकर मिला दें और बोतल में भरकर रखें। इस पाउडर को ५ ग्राम रोज सुबह शाम दूध के साथ पिएं।

४ * बेल की १०-१५ पत्तियां, २ बादाम गिरी और डेढ़ सौ ग्राम चीनी। इन तीनों को पीसकर उसमें पानी डालकर धीमी आंच पर पकाएं और एक चौथाई पानी रह जाने पर उतार लें और ठंडा करके पिएं।

५ * २० मिलीग्राम सफेद प्‍याज़ का रस, १० ग्राम शहद और ३ मिलीग्राम अदरक का रस व २ ग्राम घी लेकर सभी चीजों को एक साथ मिलाकर २० - २५ दिनों तक लेने से नपुसंकता दूर होती है।

६ * नारियल के चूरे को बरगद के दूध की ५ – ६ बूंद मिलाएं, फिर इस मिश्रण में ३ टी-स्‍पून शहद मिलाकर सेवन करें। इससे मर्दांनगी बढ़ेगी।

७ * जंगली पालक के १०० ग्राम बीज का पाउडर बना लें। फिर लगभग ढाई ग्राम पाउडर दिन में तीन बार एक कप दूध के साथ लें। लगभग डेढ़ महीने तक सादा खाना खाएं। आपको बहुत आराम मिलेगा।

18 मुख्य रोगों की एक चमत्कारी आयुर्वेदिक दवा बहुत ही चमत्कारी आयुर्वेदिक दवा :

18 मुख्य रोगों की एक चमत्कारी आयुर्वेदिक दवा
बहुत ही चमत्कारी आयुर्वेदिक दवा :
www.allayurvedic.org
250 ग्राम मैथीदाना
100 ग्राम अजवाईन
50 ग्राम काली जीरी
(ज्यादा जानकारी के लिए नीचे देखे)
उपरोक्त तीनो चीजों को साफ-सुथरा करके हल्का-हल्का सेंकना (ज्यादा सेंकना नहीं) तीनों को अच्छी तरह मिक्स करके मिक्सर में पावडर बनाकर कांच की शीशी या बरनी में भर लेवें ।
रात्रि को सोते समय एक चम्मच पावडर एक गिलास पूरा कुन-कुना पानी के साथ लेना है। गरम पानी के साथ ही लेना अत्यंत आवश्यक है लेने के बाद कुछ भी खाना पीना नहीं है। यह चूर्ण सभी उम्र के व्यक्ति ले सकतें है।
चूर्ण रोज-रोज लेने से शरीर के कोने-कोने में जमा पडी गंदगी(कचरा) मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी । पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा । चमड़ी की झुर्रियाॅ अपने आप दूर हो जाएगी। शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा।
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अद्भुत लाभ मिलता है (फायदे) :
1. गठिया दूर होगा और गठिया जैसा जिद्दी रोग दूर हो जायेगा।
2. हड्डियाँ मजबूत होगी ।
3. आॅख का तेज बढ़ेगा ।
4. बालों का विकास होगा।
5. पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति।
6. शरीर में खुन दौड़ने लगेगा ।
7. कफ से मुक्ति ।
8. हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी ।
9. थकान नहीं रहेगी, घोड़े की तहर दौड़ते जाएगें।
10. स्मरण शक्ति बढ़ेगी ।
11. स्त्री का शारीर शादी के बाद बेडोल की जगह सुंदर बनेगा।
12. कान का बहरापन दूर होगा ।
13. भूतकाल में जो एलाॅपेथी दवा का साईड इफेक्ट से मुक्त होगें।
14. खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी ।
15. शरीर की सभी खून की नलिकाएॅ शुद्ध हो जाएगी ।
16. दांत मजबूत बनेगा, इनेमल जींवत रहेगा ।
17. नपुसंकता दूर होगी।
18. डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है। इस चूर्ण का असर दो माह लेने के बाद से दिखने लगेगा।
जिंदगी निरोग,आनंददायक, चिंता रहित

Tuesday, 16 August 2016

आयुर्वेदिक दोहे--------

आयुर्वेदिक दोहे--------
1.जहाँ कहीं भी आपको,काँटा कोइ लग जाय। दूधी पीस लगाइये, काँटा बाहर आय।।
2.मिश्री कत्था तनिक सा,चूसें मुँह में डाल। मुँह में छाले हों अगर,दूर होंय
तत्काल।।
3.पौदीना औ इलायची, लीजै दो-दो ग्राम। खायें उसे उबाल कर, उल्टी से आराम।।
4.छिलका लेंय इलायची,दो या तीन गिराम। सिर दर्द मुँह सूजना, लगा होय आराम।।
5.अण्डी पत्ता वृंत पर, चुना तनिक मिलाय। बार-बार तिल पर घिसे,तिल बाहर आ
जाय।।
6.गाजर का रस पीजिये, आवश्कतानुसार। सभी जगह उपलब्ध यह,दूर करे अतिसार।।
7.खट्टा दामिड़ रस, दही,गाजर शाक पकाय। दूर करेगा अर्श को,जो भी इसको खाय।।
8.रस अनार की कली का,नाक बूँद दो डाल। खून बहे जो नाक से, बंद होय तत्काल।।
9.भून मुनक्का शुद्ध घी,सैंधा नमक मिलाय। चक्कर आना बंद हों,जो भी इसको खाय।।
10.मूली की शाखों का रस,ले निकाल सौ ग्राम। तीन बार दिन में पियें, पथरी से
आराम।।
11.दो चम्मच रस प्याज की,मिश्री सँग पी जाय। पथरी केवल बीस दिन,में गल बाहर
जाय।।
12.आधा कप अंगूर रस, केसर जरा मिलाय। पथरी से आराम हो, रोगी प्रतिदिन खाय।।
13.सदा करेला रस पिये,सुबहा हो औ शाम। दो चम्मच की मात्रा, पथरी से आराम।।
14.एक डेढ़ अनुपात कप, पालक रस चौलाइ। चीनी सँग लें बीस दिन,पथरी दे न दिखाइ।।
15.खीरे का रस लीजिये,कुछ दिन तीस ग्राम। लगातार सेवन करें, पथरी से आराम।।
16.बैगन भुर्ता बीज बिन,पन्द्रह दिन गर खाय। गल-गल करके आपकी,पथरी बाहर आय।।
17.लेकर कुलथी दाल को,पतली मगर बनाय। इसको नियमित खाय तो,पथरी बाहर आय।।
18.दामिड़(अनार) छिलका सुखाकर,पीसे चूर बनाय। सुबह-शाम जल डाल कम, पी मुँह
बदबू जाय।।
19. चूना घी और शहद को, ले सम भाग मिलाय। बिच्छू को विष दूर हो, इसको यदि
लगाय।।
20. गरम नीर को कीजिये, उसमें शहद मिलाय। तीन बार दिन लीजिये, तो जुकाम मिट
जाय।।
21. अदरक रस मधु(शहद) भाग सम, करें अगर उपयोग। दूर आपसे होयगा, कफ औ खाँसी
रोग।।

अमीर खुसरो एक वैद्य भी थे उन्हौने वैद्यराज खुसरो के रुप में काव्यात्मक घरेलू नुस्खे भी लिखे हैं-

अमीर खुसरो एक वैद्य भी थे उन्हौने वैद्यराज खुसरो के रुप में काव्यात्मक घरेलू नुस्खे भी लिखे हैं-


1 हरड़-बहेड़ा आँवला, घी सक्कर में खाए!
हाथी दाबे काँख में, साठ कोस ले जाए!!

2 मारन चाहो काऊ को, बिना छुरी बिन घाव!
तो वासे कह दीजियो, दूध से पूरी खाए!!

3 प्रतिदिन तुलसी बीज को, पान संग जो खाए!
रक्त-धातु दोनों बढ़े, नामर्दी मिट जाय!!

4 माटी के नव पात्र में, त्रिफला रैन में डारी!
सुबह-सवेरे-धोए के, आँख रोग को हारी!!

5 चना-चून के-नोन दिन, चौंसठ दिन जो खाए!
दाद-खाज-अरू सेहुवा-जरी मूल सो जाए!!

6 सौ-दवा की एक दवा, रोग कोई न आवे!
खुसरो-वाको-सरीर सुहावे, नित ताजी हवा जो खावे!!

भूत-प्रेतो को निमंत्रण देता है घर के फ्रिज में रखा हुआ आटा ।

भूत-प्रेतो को निमंत्रण देता है घर के
फ्रिज में रखा हुआ आटा ।
वर्तमान में बहुत सी गृहिणियां खाना
बनाते समय रात को बचा हुआ अतिरिक्त
आटा गोल लोई बनाकर उसे फ्रिज में रख
देती है और उसका प्रयोग अगले दिन करती
है। कई बार सुबह के समय भी आटा बचने पर
ऎसा ही किया जाता है। धर्मशास्त्रों
के अनुसार गूंथा हुआ आटा पिण्ड माना
जाता है जिसे मृतात्मा के भक्षण के
लिए अर्पित किया जाता है।
जिन भी घरों में लगातार या अक्सर
गूंथा हुआ आटा फ्रिज में रखने की
परंपरा बन जाती है वहां पर भूत, प्रेत
तथा अन्य ऊपरी हवाएं भोजन करने के लिए
आने लग जाती है। इनमें अधिकतर वे
आत्माएं होती है जिन्हें उनके
घरवालों ने भुला दिया या जिनकी अब
तक मुक्ति नहीं हो सकी है। ऎसी
आत्माओं के घर में आने के साथ ही घर
में अनेकों समस्याएं भी आनी शुरू हो
जाती हैं।
बचे हुए आटे को इस तरह रखने वाले सभी
घरों में किसी न किसी प्रकार के
अनिष्ट देखने को मिलते हैं। वहां
अक्सर बीमारियां, क्रोध, आलस आदि बने
रहते हैं और घर में रहने वालों की भी
तरक्की नहीं हो पाती है।
शास्त्रों के अनुसार ऎसे किसी भी
चीज को घर में स्थान नहीं देना चाहिए
जो मृतात्माओं का भोजन हो अथवा
उन्हें किसी भी प्रकार से आमंत्रित
करने की क्षमता रखती हो। इसके ही रात
के बासी बचे आटे से रोटी बनाना शरीर
के लिए भी नुकसानदेह होता है। ऎसा
भोजन तामसिकता को तो बढ़ावा देता
ही है साथ में शरीर को भी रोगों का घर
बना देता है जबकि ताजा बना भोजन शरीर
को स्फूर्ति, शक्ति और स्वास्थ्य
देता है। इन सभी चीजों को देखते हुए
हमें घर में बासी आटा नही रखना चहिये ।

Friday, 12 August 2016

चेहरे पर पिंपल Pimple नहीं होने देते ये घरेलू उपाय.

चेहरे पर पिंपल Pimple नहीं होने देते ये घरेलू उपाय

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युवावस्था में पिम्पल निकलना एक आम समस्या है, पिम्पल रक्त में फैली अशुद्धियों के कारण होते है. अकसर देखा गया है कि जब चहरे पर पिंपल निकल अाते है तो आप उसे फोड़ देते हैं। ऐसा करके हम अपनी समस्या को और बढ़ा लेते हैं. चेहरे पर निकले मुंहासे को कभी फोड़ना नहीं चाहिए नहीं तो, चेहरे पर दाग पड़ जाते है और चेहरा बहुत ही ज्‍यादा खराब दिखने लगता है। पिंपल को फोड़ने पर इंफेक्शन हो जाता है, जो कि और भी ज्यादा घातक है। अगर नियमित रूप से पिम्पल निकल रहे हों तो सबसे पहले एक अच्छा सा ब्लड पयुरीफायर पीना शुरू कर देना चाहिए. अाज हम अाप को पिंपल से छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलू उपचारों के बारे में बताएगें।

पिंपल फोड़ने के नुकसान
पिंपल को फोड़ने से वह त्‍वचा के आसपास के ऊतकों में चला जाता है। इससे उस जगह पर कई सारे रोगाणु फैलने के चांस बढ़ जाते हैं। ऐसा करने पर भयंकर इंफेक्‍शन बढ़ जाता है।

जब आप पिंपल फोड़ते हैं, तो आप चेहरे पर एक गहरा घाव बना देती हैं, जिससे वह घाव समय के साथ बढ़ता चला जाता है और वह एक दाग का रूप ले लेता है।

पिंपल फोड़ने से चेहरे पर लाल रंग के दाग बन जाते हैं, जो कि कई दिनों तक फूले नजर आते हैं। यह दाग मेकअप से भी नहीं छुपते।

एक पिंपल फोड़ने से चेहरे पर दूसरा पिंपल जल्‍दी ही निकल आता है।

पिंपल के लिए अपनाएं ये घरेलू उपचार
अगर चेहरे पर मुंहासे हैं, तो कुछ घरेलू उपायों को आजमाना चाहिए, जिससे वह जल्‍द से जल्‍द ठीक होना शुरु हो जाएं।

चंदन और हल्दी पाउडर का पेस्ट दूध के साथ मिलाकर बना लें। पानी के साथ घिसा हुआ जायफल भी एक्ने और पिंपल के इलाज में कारगर होता है।
ग्वारपाठे के रस के नियमित सेवन से त्वचा के कई रोग खत्म होते हैं। ग्वारपाठे का रस सीधे त्वचा पर भी लगाया जा सकता है। इसे आधा कप सुबह शाम लेना चाहिए। गर्भवती महिलाएँ इसका सेवन न करें।
रात को सोने से पहले चेहरे को अच्छी तरह से साफ करें। एक चम्मच खीरे के रस में हल्दी मिलाकर चेहरे पर लगा लें। आधे घंटे बाद धो लें।
एक चाय के चम्मच भर जीरे का पेस्ट बना लें। चेहरे पर एक घंटे तक लगा रहने दें। बाद में धो लें।
पिंपल ठीक करने के लिए चेहरे पर नीम का फेस पैक लगाएं। ताजी नीम की पत्तियां और चंदन पाउडर का लेप बना लें। इसे 15 मिनट तक चेहरे पर लगाकर रखें और फिर चेहरा ठंडे पानी से धो लें।
थोडे़ से अदरक के रस में खीरे का थोड़ा सा रस और धनिया का पानी मिलाकर चेहरे पर लगा कर सूख जाने पर पानी से धो लें।
रात को सोते समय एक चम्मच मलाई में नीम्बू का रस मिलकर त्वचा पर लगाये। सुबह उठकर चेहरा धो ले। इस से चेहरे के दाग धब्बे दूर होते हैं और त्वचा की रंगत निखरती हैं।
हल्दी एंटीसेप्टिक का काम करती है। इसीलिए इसमें बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता पाई जाती है। एक चम्मच हल्दी पाउडर में थोड़ा सा पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को पिंपल्स पर लगाएं। कुछ मिनट के लिए लगा रहने दें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। ऐसा एक हफ्ते तक करें। पिंपल्स खत्म हो जाएंगे।
पिंपल्स मिटाने के लिए नींबू बहुत फायदेमंद होता है। नींबू में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। दो नींबू का जूस निकाल लें। नींबू के रस को कॉटन में भिगोकर चेहरे पर लगा लें। सूख जाए तो ठंडे पानी से धो लें। दिन में दो बार इसे तीन-चार दिनों तक लगाएं। पिंपल्स दूर हो जाएंगे।
लहसुन में एंटीफंगल तत्व पाए जाते हैं। इसीलिए यह पिंपल्स को बहुत जल्दी दूर कर देता है। लहसुन की दो कलियां और एक लौंग पीस लें। इस पेस्ट को सिर्फ पिंपल्स पर लगाएं। कुछ देर लगा रहने दें। फिर चेहरा धो लें। ऐसा करने से पिंपल्स खत्म हो जाएंगे।
झाई – मुहांसे की बात छोड़िये, चेचक तक के दाग आसानी से दूर हो सकते हैं केवल संतरे के छिलके की मदद से। संतरे के छिलको को सुखाकर उनका महीन चूर्ण बना ले। उस चूर्ण में गुलाबजल और नीम्बू का रस डालकर मुंहासों पर लेप करे। ये प्रयोग जब तक संतरे का मौसम रहे, तब तक जारी रखे। मुंहासे हमेशा के लिए गायब हो जायेंगे।
सब से महत्वपूर्ण बात है रक्त में अशुद्धियों का होना, इसके लिए अगर हर रोज़ 2 पत्ते नीम के खाए जाए तो बेस्ट है, नहीं तो बैद्यनाथ या झंडू का या किसी भी बढ़िया कंपनी का रक्त शुद्धि सिरप (ब्लड पयुरीफायर) पीना शुरू करें. और अधिक तला भुना मसाले वाला मैदा खाना सिर्फ चेहरे ही नहीं बल्कि स्वास्थय के दृष्टि कोण से बहुत हानिकारक है.

Thursday, 11 August 2016

"प्राचीन स्वास्थ्य दोहावली"

"प्राचीन स्वास्थ्य दोहावली"

पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात!
सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!!

धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार!
दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!!

ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर!
कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!!

प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप!
बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!!

ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार!
करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!!

भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार!
चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!!

प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस!
सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!!

प्रातः- दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार!                                                  तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार!!

भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!
डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !!

घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!
एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!!

अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास!
पानी पीजै बैठकर,  कभी न आवें पास!!

रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय!
सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय!!

सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश!
भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश!!

देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल!
अपच,आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल^^

दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ!
बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ!!

सत्तर रोगों कोे करे, चूना हमसे दूर!
दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर!!

भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ!
पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड!!

अलसी, तिल, नारियल, घी सरसों का तेल!
यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल!

पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान!
श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान!!

अल्यूमिन के पात्र का, करता है जो उपयोग!
आमंत्रित करता सदा, वह अडतालीस रोग!!

फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर!
ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर!!

चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति!
गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति!!

रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय!
बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय!!

भोजन करके खाइए, सौंफ,  गुड, अजवान!
पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान!!

लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान!
तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान!

चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे !
ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !!

सौ वर्षों तक वह जिए, लेते नाक से सांस!
अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास!!

सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान!
घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान!!

हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान!
सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान!!

अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर!
नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर!!

तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग!
मिट जाते हर उम्र में,तन में सारे रोग। 🌸

कृपया इस जानकारी को जरूर आगे बढ़ाएं

Wednesday, 10 August 2016

सेंधा नमक के फायदे:-----------------------------

सेंधा नमक के फायदे : -------------------------------------
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इंसान के शरीर के लिए नमक बेहद जरूरी है। आजकल के आयोडीनयुक्त नमक से कई ज्यादा अच्छा है सेंधा नमक। यह शरीर की कोशिकाओं के द्वारा अच्छे से पच जाता है। सेंधा नमक में 65 प्रकार के प्राकृतिक खनिज तत्व पाए जाते हैं। इसलिए यह कई जानलेवा बीमारियों से बचाता है। वैदिक वाटिका आप तक सेंधा नमक के एैसे फायदों को पहुंचा रहा है जो आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी हैं।
सेंधा नमक के लाभ
1. सेंधा नमक हड्डियों को मजबूत रखता है।
2. मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या सेंधा नमक के सेवन से ही ठीक हो सकती है।
3. नियमित सेंधा नमक का सेवन करने से प्राकृतिक नींद आती है। यह अनिंद्रा की तकलीफ को दूर करता है।
4. यह साइनस के दर्द को कम करता है।
5. शरीर में शर्करा को शरीर के अनुसार ही संतुलित रखता है।
6. पाचन तंत्र को ठीक रखता है।
7. यह शरीर में जल के स्तर की जांच करता है जिसकी वजह से शरीर की क्रियाओं को मदद मिलती है।
8. पित्त की पत्थरी व मूत्रपिंड को रोकने में सेंधा नमक और दूसरे नमकों से बेहद उपयोगी है।
9. पानी के साथ सेंधा नमक लेने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है।

#सफेद #बालों White hair को काला करने के घरेलू नुस्खे----

#सफेद #बालों  White hair को काला करने के घरेलू नुस्खे----

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*कुछ दिनों तक, नहाने से 1/2 घंटा पहले रोजाना सिर में #प्याज का पेस्ट लगाएं। इससे बाल काले होने लगेंगे।

*सप्ताह में कम से कम 3 दिन दस मिनट का #कच्चे #पपीता का पेस्ट सिर में लगाएं। इससे बाल नहीं झड़ेंगे और डेंड्रफ भी नहीं होगी और बाल काले भी होने लगेंगे ।

*#भृंगराज और #अश्वगंधा की जड़ें बालों के लिए वरदान मानी जाती हैं। इनका पेस्ट नारियल के तेल के साथ बालों की जड़ों में लगाएं और 1 घंटे बाद गुनगुने पानी से अच्छीं तरह से बाल धो लें। इससे भी बाल काले होते है।

*#नीबू के रस में #आंवला पाउडर मिलाकर उसे सिर पर लगाने से भी सफेद बाल काले हो जाते हैं।

*प्रतिदिन शुद्ध केवल देशी गाय का देशी घी से सिर की मालिश करके भी सफेद बालों को काला किया जा सकता है ।

*अदरक को कद्दूकस कर शहद के रस में मिला लें। इसे बालों पर कम से कम सप्ताह में दो बार नियमित रूप से लगाएं। बालों का सफ़ेद होना कम हो जाएगा।
*दही के साथ टमाटर को पीस लें। उसमें थोड़ा-सा नींबू रस और नीलगिरी का तेल मिलाएं। इससे सिर की मालिश सप्ताह में दो बार करें। बाल लंबी उम्र तक काले और घने बने रहेंगे।

*1/2 कप नारियल तेल या जैतून के तेल को हल्का गर्म करें। इसमें 4 ग्राम कर्पूर मिला कर इस तेल से मालिश करें। इसकी मालिश सप्ताह में एक बार जरूर करनी चाहिए। कुछ ही समय में रूसी खत्म हो जाएगी, बाल भी काले रहेंगे।

*आंवले के पाउडर में नींबू का रस मिलाकर उसे नियमित रूप से लगाएं । शैंपू के बाद आंवला पाउडर पानी में घोलकर लगाने से भी बालों की कंडीशनिंग होती है, और बाल भी काले होते है । आंवला किसी ना किसी रुप मे सेवन भी अवश्य करते रहे ।

*जाड़े में तिल अधिक से अधिक खाएं। तिल का तेल भी बालों को काला करने में मदद करता है।

*आधा कप दही में चुटकी भर काली मिर्च और चम्मच भर नींबू रस मिलाकर बालों में लगाए। 15 मिनट बाद बाल धो लें। बाल सफेद से फिर से काले होने लगेंगे।

*एक कटोरी मेहंदी पाउडर लें, इसमें दो बड़े चम्मच चाय का पानी, दो चम्मच आंवला पावडर, एक चम्मच नीबू का रस, दो चम्मच दही, शिकाकाई व रीठा पावडर,  आधा चम्मच नारियल तेल व थोड़ा-सा कत्था। यह सब चीजें लोहे की कड़ाही में डालकर पेस्ट बनाकर रात को भिगो दें। इसे सुबह बालों में लगाए।फिर दो घंटे बाद धो लें। इससे बाल बिना किसी नुकसान के काले हों जाएँगे। ऐसा माह में कम से कम एक बार अवश्य ही करें

पानी के ज़रिये इलाज.

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🍸पानी के ज़रिये इलाज 🍸

Electro Homeopathy  के डॉक्टरों ने पानी के ज़रिये इन बीमारियों का इलाज किया है।
1⃣ लकवा(Paralysis)
2⃣ बेहोशी
3⃣ ब्लड कोलेस्ट्रोल
4⃣ सर का दर्द(headache)
5⃣ ब्लड प्रेशर
6⃣  बलग़म (phlegm)
7⃣ खांसी(cough)
8⃣ दमा (asthama)
9⃣टीबी (Tuberculosis)
🔟 मेनन जॉइंटिस ( JAUNDICE)
1⃣1⃣ जिगर(Liver)की बीमारी
1⃣2⃣ पेशाब की बीमारियाँ
1⃣3⃣ तेज़बियत(acidity)
1⃣4⃣ पेट की गैस
1⃣5⃣ पेट में मरोड़ (colic)
1⃣6⃣  क़बज़ ( Constipation)
1⃣7⃣ डायबिटीज
1⃣8⃣ बवासीर (Piles)
1⃣9⃣ आँख की बीमारियाँ
2⃣0⃣ हैज़ (औरतों के period       आना)
2⃣1⃣ बच्चे दानी (womb;uterus) का कैंसर
2⃣2⃣ नाक व गले की बीमारियाँ

🍸पानी पीने का तरीका🍸

बिना मुंह धोए और बिना कुल्ली किए नहार मुहं  1250ml मतलब 4 बड़े गिलास पानी संभव हो तो जमीन पर पालथी में बैठकर एक साथ पी जाएँ।
अब 45 mint तक कुछ भी ना खाएं पीयें ।
अगर शुरू(starting)में 4 गिलास पानी नहीं पी सकते हैं तो 1 या 2 गिलास से शुरू करें। धीरे धीरे बढ़ा कर 4 गिलास कर दें। मरीज़ ठीक होने के लिए और जो मरीज़ ना हो वह fit रहने के लिए यह इलाज का तरीका अपनाये।
Doctors का कहना है कि इस इलाज(इस तरीके से पानी पीने)से निम्नलिखित बीमारियाँ बताये हुए दिनों में ठीक हो सकती हैं।
1⃣क़बज़ (मलावरोध Constipation) ➡ 2 दिन
2⃣गैस की बीमारियाँ➡ 2 दिन
3⃣diabetes(शूगर)➡1 हफ्ता
4⃣उच्च रक्त चाप(high blood pressure)➡1 महिना
5⃣कैंसर➡ 1 महिना
6⃣ टीबी(tuberculosis)➡ 3 महिना

💎 4⃣ बड़े गिलास पानी एक साथ पीने से कोई नुक़सान(side effects) नहीं होता हाँ पेट ज़रूर भर जाता है। 45 mint के बाद भूख लग जाएगी l
शुरू(starting) में तीन दिन हो सकता है कि कुछ बार पेशाब जल्दी जल्दी लगे। उसके बाद daily routine के हिसाब से पेशाब आने लगेगा।
🌴🌴 यह संदेश आप पढने के बाद आगे किसी को नहीं भेजेगें तो कोई नुक्सान नहीं होने वाला किंतु यदि आप आगे forward करते हैं तो हो सकता है कि किसी को लाभ मिल जाए 

Tuesday, 9 August 2016

हम पानी क्यों ना पीये खाना खाने के बाद.!

कृपया मैसेज को पढें और अपने दोस्तों को भेजे

ये जानना बहुत जरुरी है.!

हम पानी क्यों ना पीये खाना खाने के बाद.!
क्या कारण है.?
हमने दाल खाई,
हमने सब्जी खाई,
हमने रोटी खाई,
हमने दही खाया,
लस्सी पी, दूध, दही, छाझ, लस्सी, फल आदि.!
ये सब कुछ भोजन के रूप मे हमने ग्रहण किया
ये सब कुछ हमको उर्जा देता है
और पेट उस उर्जा को आगे ट्रांसफर करता है.!
पेट मे एक छोटा सा स्थान होता है
जिसको हम हिंदी मे कहते है "अमाशय"
उसी स्थान का संस्कृत नाम है "जठर"
उसी स्थान को अंग्रेजी मे कहते है
"epigastrium"
ये एक थेली की तरह होता है
और यह जठर
हमारे शरीर मे सबसे
महत्वपूर्ण है
क्योंकि सारा खाना सबसे पहले इसी मे आता है।
ये बहुत छोटा सा स्थान हैं
इसमें अधिक से अधिक 350gms खाना आ सकता है.!
हम कुछ भी खाते
सब ये अमाशय मे आ जाता है.!

आमाशय मे अग्नि प्रदीप्त होती है

उसी को कहते हे "जठराग्न".!
ये जठराग्नि है
वो अमाशय मे प्रदीप्त होने वाली आग है ।
ऐसे ही पेट मे होता है
जेसे ही आपने खाना खाया
की जठराग्नि प्रदीप्त हो गयी..t
यह ऑटोमेटिक है,
जेसे ही अपने रोटी का पहला टुकड़ा मुँह मे डाला
की इधर जठराग्नि प्रदीप्त हो गई.!
ये अग्नि तब तक जलती हे जब तक खाना' पचता है |

अब अपने खाते ही
गटागट पानी पी लिया
और खूब ठंडा पानी पी लिया.r

और कई लोग तो बोतल पे बोतल पी जाते है.!

अब जो आग (जठराग्नि) जल रही थी
वो बुझ गयी.!
आग अगर बुझ गयी
.तो खाने की पचने की जो क्रिया है
वो रुक गयी.!
You suffer from IBS,
Never CURABLE

अब हमेशा याद रखें
खाना जाने पर
हमारे पेट में दो ही क्रिया होती है,
एक क्रिया है
जिसको हम कहते हे
"Digestion"
और दूसरी है "fermentation" फर्मेंटेशन का मतलब है
सडना...!
और
डायजेशन का मतलब हे
पचना.!

आयुर्वेद के हिसाब से आग जलेगी
तो खाना पचेगा,
खाना पचेगा
तो उससे रस बनेगा.!
जो रस बनेगा
तो उसी रस से
मांस, मज्जा, रक्त, वीर्य, हड्डिया, मल, मूत्र और अस्थि बनेगा
और सबसे अंत मे मेद बनेगा.!

ये तभी होगा
जब खाना पचेगा.!

यह सब हमें चाहिए.
ये तो हुई खाना पचने की बात.
अब जब खाना सड़ेगा तब क्या होगा..?

खाने के सड़ने पर
सबसे पहला जहर जो बनता है
वो हे यूरिक एसिड (uric acid)

कई बार आप डॉक्टर के पास जाकर कहते है
की मुझे घुटने मे दर्द हो रहा है,
मुझे कंधे-कमर मे दर्द हो रहा है

तो डॉक्टर कहेगा आपका यूरिक एसिड बढ़ रहा है
आप ये दवा खाओ,
वो दवा खाओ यूरिक एसिड कम करो|
और एक दूसरा उदाहरण खाना

जब खाना सड़ता है,
तो यूरिक एसिड जेसा ही एक दूसरा विष बनता है
जिसको हम कहते हे
LDL (Low Density lipoprotive)
माने खराब कोलेस्ट्रोल (cholesterol)

जब आप
ब्लड प्रेशर(BP) चेक कराने
डॉक्टर के पास जाते हैं
तो वो आपको कहता है (HIGH BP)

हाई-बीपी है
आप पूछोगे...
कारण बताओ.?

तो वो कहेगा
कोलेस्ट्रोल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है |

आप ज्यादा पूछोगे
की कोलेस्ट्रोल कौनसा बहुत है ?

तो वो आपको कहेगा
LDL बहुत है |

इससे भी ज्यादा
खतरनाक एक  विष हे
वो है.... VLDL
(Very Low Density Lipoprotive)

ये भी कोलेस्ट्रॉल जेसा ही विष है।
अगर VLDL बहुत बढ़ गया
तो आपको भगवान भी नहीं बचा सकता|

खाना सड़ने पर
और जो जहर बनते है
उसमे एक ओर विष है
जिसको अंग्रेजी मे हम कहते है triglycerides.!

जब भी डॉक्टर
आपको कहे
की आपका "triglycerides" बढ़ा हुआ हे
तो समज लीजिए
की आपके शरीर मे
विष निर्माण हो रहा है |

तो कोई यूरिक एसिड के नाम से कहे,
कोई कोलेस्ट्रोल के नाम से कहे,
कोई LDL -VLDL के नाम से कहे
समझ लीजिए
की ये विष हे
और ऐसे विष 103 है |

ये सभी विष
तब बनते है
जब खाना सड़ता है |

मतलब समझ लीजिए
किसी का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है
तो एक ही मिनिट मे ध्यान आना चाहिए
की खाना पच नहीं रहा है ,

कोई कहता हे
मेरा triglycerides बहुत बढ़ा हुआ है
तो एक ही मिनिट मे डायग्नोसिस कर लीजिए आप...!
की आपका खाना पच नहीं रहा है |

कोई कहता है
मेरा यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है
तो एक ही मिनिट लगना चाहिए समझने मे
की खाना पच नहीं रहा है |

क्योंकि खाना पचने पर
इनमे से कोई भी जहर नहीं बनता.!

खाना पचने पर
जो बनता है
वो है....
मांस, मज्जा, रक्त, वीर्य, हड्डिया, मल, मूत्र, अस्थि.!

और

खाना नहीं पचने पर बनता है....
यूरिक एसिड,
कोलेस्ट्रोल,
LDL-VLDL.!

और यही
आपके शरीर को
रोगों का घर बनाते है.!

पेट मे बनने वाला यही जहर
जब ज्यादा बढ़कर खून मे आते है !
तो खून दिल की नाड़ियो मे से निकल नहीं पाता
और रोज थोड़ा थोड़ा कचरा
जो खून मे आया है
इकट्ठा होता रहता है
और एक दिन नाड़ी को ब्लॉक कर देता है
जिसे आप
heart attack कहते हैं.!

तो हमें जिंदगी मे ध्यान इस बात पर देना है
की जो हम खा रहे हे
वो शरीर मे ठीक से पचना चाहिए
और खाना ठीक से पचना चाहिए
इसके लिए पेट मे
ठीक से आग (जठराग्नि) प्रदीप्त होनी ही चाहिए|

क्योंकि
बिना आग के खाना पचता नहीं हे
और खाना पकता भी नहीं है

महत्व की बात
खाने को खाना नहीं
खाने को पचाना है |

आपने क्या खाया कितना खाया
वो महत्व नहीं हे.!

खाना अच्छे से पचे
इसके लिए वाग्भट्ट जी ने सूत्र दिया.!

"भोजनान्ते विषं वारी"

(मतलब
खाना खाने के तुरंत बाद
पानी पीना
जहर पीने के बराबर है)

इसलिए खाने के
तुरंत बाद पानी
कभी मत पिये..!

अब आपके मन मे सवाल आएगा
कितनी देर तक नहीं पीना.?

तो 1 घंटे 48 मिनट तक नहीं पीना !

अब आप कहेंगे
इसका
क्या calculation हैं.?

बात ऐसी है....!

जब हम खाना खाते हैं
तो जठराग्नि द्वारा
सब एक दूसरे मे
मिक्स होता है
और फिर खाना पेस्ट मे बदलता हैं.!

पेस्ट मे बदलने की क्रिया होने तक
1 घंटा 48 मिनट का समय लगता है !

उसके बाद जठराग्नि कम हो जाती है.!

(बुझती तो नहीं लेकिन बहुत धीमी हो जाती है)

पेस्ट बनने के बाद
शरीर मे रस बनने की
परिक्रिया शुरू होती है !

तब हमारे शरीर को
पानी की जरूरत होती हैं।

तब आप जितना इच्छा हो
उतना पानी पिये.!

जो बहुत मेहनती लोग है
(खेत मे हल चलाने वाले,
रिक्शा खीचने वाले,
पत्थर तोड़ने वाले)

उनको 1 घंटे के बाद ही
रस बनने लगता है
उनको  घंटे बाद
पानी पीना चाहिए !

अब आप कहेंगे
खाना खाने के पहले
कितने मिनट तक पानी पी सकते हैं.?

तो खाना खाने के
45 मिनट पहले तक
आप पानी पी सकते हैं !

अब आप पूछेंगे
ये मिनट का calculation....?

बात ऐसी ही
जब हम पानी पीते हैं
तो वो शरीर के प्रत्येक अंग तक जाता है !

और अगर बच जाये
तो 45 मिनट बाद मूत्र पिंड तक पहुंचता है.!

तो पानी - पीने से मूत्र पिंड तक आने का समय 45 मिनट का है !

तो आप खाना खाने से
45 मिनट पहले ही
पाने पिये.!

इसका जरूर पालण करे..!

अधिक अधिक लोगो को बताएं.!

नोनी एक चमत्कारिक संजीवनी फल ।

नोनी एक चमत्कारिक संजीवनी फल ।

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नोनी एक चमत्कारिक फल हैं, जो बड़े से बड़े रोग के लिए रामबाण औषिधि हैं। ये शरीर के सम्पूर्ण रोग प्रतिरोधक सिस्टम को आश्चर्यजनक रूप से बूस्ट कर देता हैं। ये आम लोगों के लिए जितना गुमनाम है, सेहत के लिए उतना ही फायदेमंद।

नोनी के रूप में वैज्ञानिक इसको एक ऐसी संजीवनी मानते है, जो मधुमेह, अस्थमा, गठिया, कैंसर, दिल, शीघ्रपतन, नपुंसकता के मरीजों सहित कई बीमारियों के इलाज में रामबाण साबित हो रही है। यहाँ तक के एड्स के रोगियों के लिए भी ये बहुत फायदेमंद हैं।



अगर आप बहुत जल्दी बीमार पड़ जाते हैं या आपको बहुत जल्दी ही रोग घेर लेते हैं, तो ये आपके लिए रामबाण हैं। अगर आपके जीवन में उमंग उत्साह खत्म हो कर आपका जीवन बिलकुल निढाल हो गया हैं तो आप इसको एक बार ज़रूर अपनाये।

इसे वैज्ञानिक भाषा में मोरिन्डा सिट्रीफोलिया के नाम से जाना जाता है। यह औषधि की क्षमता को बेहतर बनाता है। इसे अन्य औषधियों के साथ भी लिया जा सकता है। इस फल को कई नामों से जाना जाता है, जैसे- हॉग एपल, चीज फल, लेड, दर्द निवारक वृक्ष (हिंदी में आच, आक, आल, तमिल में वेन नूना, मलायालम में कट्टपिटलवम, तेलगु में मद्दी, मोलुगु मुलुगु)|

यह एक उष्णकटिबंधीय फल है जो मुख्यतः दक्षिणी प्रशांत क्षेत्र में पाया जाता है| यह लगभग आलू के आकार का सफेद , पीले अथवा हरे रंग का होता है| तहीती लोग नोनी के स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण इसको सैकड़ों वर्षो से प्रयोग कर रहे हैं|

नोनी फल में अनानास फल की तुलना में 40 गुना ज्यादा एंजाइम पाया जाता है| नोनी में जेरोनाइन होता है, जेरोनाइन सूक्ष्म जंतुओं, पौधों, जानवरों और इंसानों की सभी कोशिकाओं में पाया जाता है|

शरीर की सभी कोशिकायें सही कार्य करे उसके लिये जेरोनाइन की प्रयाप्त मात्रा शरीर में बहुत जरूरी होता है, जेरोनाइन हमारे शरीर में प्रोटीनों को उनके अलग-अलग कार्यों करने को करने में समर्थ बनाता है| जेरोनाइन, मानवीय कोशिकाओं की भित्तियों के छिद्रों के आकार को बढ़ाता है ताकि बढ़ते अवशोषण के लिए पौष्टिक तत्व आसानी से कोशिकाओं में प्रवेश कर सकें, जेरोनाइन की कमी से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है| नोनी में व्यापक उपचारात्मक प्रभाव नोट किये गए है जिसमे एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल, एंटी-ट्यूमर, एंटी-इनफ्लेमेटरी और इम्यून को बढ़ाने वाले प्रभाव शामिल है| यह पोटेशियम का एक समर्थ सोत्र है और इम्यून सिस्टम, संचार प्रणाली, पाचन तंत्र, मेटाबोलिक सिस्टम, टिशूस और कोशिकाओं, त्वचा और बालों को सहायता करता है| यह पूरे परिवार के लिए सुरछित है और जवान एवं बुजुर्गों, दोनों के लिए ही लाभदायक है| ये एंटी एजिंग हैं, जो आपको जवान बनाने में मदद करता हैं।

नोनी के फायदे-

यह जोड़ों के दर्द, अकड़न, जोड़ों की गतिहीनता की समस्याओ आदि में सहायता करता है|सांस की बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को इसके सेवन से अत्यधिक लाभ मिलता है|मुहांसों, एक्जीमा, सोरियासिस के मामले में सहायता करता है|ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायता करता है,और मधुमेह में यह कारगार है|उच्च रक्तचाप और माइग्रेन से पीड़ित व्यक्तियों के लिए लाभदायक है|गंजेपन और बालों से सम्बंधित समस्याओं की देखभाल करता है|कब्ज, बदहजमी, दस्त आदि से पीड़ित व्यक्तियों को नोनी के सेवन से रोगों की मुक्ति मिलती है|इम्यून सिस्टम प्रणाली को मजबूत बनाता है क्योंकि इसमे कई आवश्यक विटामिन और मिनरल होते है|

नोनी निम्नलिखित अवस्थाओ में उपयोगी हो सकता है-

गठिया (जोड़ों की जकड़न, अकड़न एवं जोड़ों के स्वास्थ्य में)दमा (सांस संबंथी समस्याओं में)त्वचा संबंधी समस्याओं (खाज, मुंहासे, सोरियासिस एवं रोसासिया में)कैंसर में (इम्यून सिस्टम)पाचन (कब्ज, परजीवियों एवं दस्त)दर्द (अनियमित माहवारी)इम्पोटेंसी इम्यून सिस्टम की विफलता (एड्स एवं वाइरस)मधुमेह, उच्च रक्तचाप,सरदर्द (माइग्रेन) मेंसंक्रमण एवं वाइरस (इम्यून सिस्टम)

मात्रा- बड़ा आदमी नोनी ज्यूस 30 एम.एल. एक गिलास पानी में मिलाकर सुबह-शाम और बच्चे को 2-2 चम्मच सेवन करे, सुबह खाली पेट और रात्रि को खाने के 2 घंटे के बाद।

नोनी 150 से अधिक आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सिडेंट और कोशिका रक्षक आहार है|
(चूँकि हमारे शरीर का आधार कोशिका होता है और यह कोशिकीय स्तर पर कार्य करता है| अत: नोनी हमें हर प्रकार की बीमारियों से बचाने व स्वस्थ रखने में सक्षम है, बिमारी व्यक्ति की बिमारी दूर करता हैं तो ये स्वस्थ मानव को 100 साल की उम्र तक स्वस्थ रख सकता हैं।

ॐ के 11 शारीरिक लाभ:---------------------------------------------

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ॐ : ओउम् तीन अक्षरों से बना है..
                अ उ म् ।

🔸 "अ"  का  अर्थ  है उत्पन्न  होना,
🔸 "उ"  का  तात्पर्य  है  उठना,  उड़ना  अर्थात्  विकास,
🔸 "म"  का  मतलब  है  मौन  हो  जाना  अर्थात्  "ब्रह्मलीन"  हो  जाना।

👉  ॐ  सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।
👉  ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।

👉जानीए
ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग...

           
🔺01. ॐ और थायराॅयडः-
ॐ का उच्‍चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

🔺02. ॐ और घबराहटः-
अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।

🔺03. ॐ और तनावः-
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।

🔺04. ॐ और खून का प्रवाहः-
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।

🔺05. ॐ और पाचनः-
ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।

🔺06. ॐ लाए स्फूर्तिः-
इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।

🔺07. ॐ और थकान:-
थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।

🔺08. ॐ और नींदः-
नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।

🔺09. ॐ और फेफड़े:-
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।

🔺10. ॐ और रीढ़ की हड्डी:-
ॐ के पहले शब्‍द का उच्‍चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।

🔺11. ॐ दूर करे तनावः-
ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।

आशा  है  आप  इसे  उन  लोगों  तक  भी  जरूर  पहुंचायेगे  जिनसे  आप  प्यार   करते  हैं  और  जिनकी  आपको  फिक्र है ।

   ।।  पहला  सुख  निरोगी  काया  ।।

डैप्टीज (सुगर)

डैप्टीज (सुगर) यह आयसी बीमारी हैं जो जिन्दा इंसान को मुर्दा बना देता हैं सारी  इच्छाओ का गला घोटना पड़ता हैं भगवान ना करे ये बीमारी किसी को हो 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
एक छोटा सा ईलाज  सुगर के बीमारी से मुक्ति दिल सकता हैं
ये दवा सुरु करने से पहले आप अपना सुगर चेक करायेगे  उसके बाद ये दवा सुरु करेगें
दवा बनाने की बिधि


1- 100 ग्राम गेहूं

2- 100 ग्राम जौ

3- 100 कलोंजी

4- 100 खाने वाला गोद

चारो मिक्स करके एक साथ
10 कप पानी में सारी सामग्री पकाइये तब तक पकाइये जबतक सात कप पानी आपका हो जाये तो उसे छान ले और एक साफ बर्तन में रखले

रोज सुबह खाली पेट एक कप ये दवा पीये सात दिन तक
फिर चेक कराये सुगर आपका सुगर नार्मल मिलेगा
फिर एक हप्ते के अंतर पे ये दवा लेते रहे और नॉर्मली सब कुछ खाते रहे और मेहनत में कमी ना करे इस बीमारी में शारीरिक श्रम बहुत जरूरी होता हैं
दवा के साथ दुआ भी  बहुत जरूरी होता हैं 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

जरुर नोट करे जिनको पित्ताशय में पथली हो ??

निम्न में से जो आपके लिए सुबिधाजनक हो किसी एक का चयन करे--

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1.चौलाई या बथूआ के साग को अच्छे से धोकर पानी में उबाले और उबला हुआ पानी कपड़े से छानकर उसमे काली मिर्च , जीरा और जरा सा सेंधा नमक मिलाकर दिन में कई बार पिये !

2.चुकन्दर को बारीख टुकड़ो में काटकर पानी में उबालें और वह पानी हल्का गुनगुना होने के बाद पीये और भोजन के साथ खीरा अवश्य खाये !

3.सफ़ेद प्याज को कूटकर कपड़े से उसका रस निकाले ! सुबह खाली पेट पीये ! इससे पथरी जल्दी टूट टूट कर खत्म हो जायेगी !

इन सबसे बहुत लाभ मिलेगा ऐसा मेरा अटल विश्वास है !

#कृपया सभी पूर्ण स्वदेशी बनने का प्रयत्न करें ! और विदेशियत का त्याग करें !

Heart patients के लिए ह्रदय घात आने से पहले के लक्षण को पहचाने Heart attack symptoms

Heart patients के लिए
 ह्रदय घात आने से पहले के लक्षण  को पहचाने Heart attack symptoms :-        

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दिल का दौरा ( Heart Attack )     ---------------------------------------------

#एक #महीने पहले से #सीने में #हल्का #दर्द, #सांस लेने में दिक्कत, फ्लू की समस्‍या और #घबराहट जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
 शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर महीने भर पहले दिल के मरीजों में ये लक्षण पहचान लिए जाएं तो हार्ट अटैक को रोकने में काफी हद तक मदद मिल सकती है। आइए हार्ट अटैक के कई दिनों पहले से ही पता लगने वाले लक्षणों के बारे में जानें। इन लक्षणों से महीना पहले पता लग जाता है हार्ट अटैक का

#सांस की तकलीफ:-
सांस की तकलीफ और थकान में शरीर को आराम की जरूरत होती लेकिन यह दिल पर अतिरिक्त तनाव के कारण हार्ट अटैक का लक्षण भी हो सकता है। यदि बिना किसी कारण के अक्‍सर थकान होती है या हमेशा थका-थका महसूस हो तो यह परेशानी का सबब हो सकता है। थकान और सांस की तकलीफ महिलाओं में आम होती है और इसकी शुरुआत हार्ट अटैक होने से कई दिनों पहले जाती है।

#अधिक पसीना आना:-
बिना किसी काम और एक्‍सरसाइज के सामान्‍य से ज्याद पसीना आना हृदय की समस्याओं की पूर्व चेतावनी संकेत हैं। अवरुद्ध धमनियों के माध्यम से रक्त को दिल तक पंप करने के लिए बहुत अधिक प्रयास करना पड़ता हैं। जिससे आपके शरीर को अतिरिक्त तनाव में शरीर के तापमान को नीचा बनाए रखने के लिए अधिक पसीना आता है। अगर आपको बहुत अधिक पसीना आता है और चिपचिपी त्वचा का अनुभव होता है तो तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

#मतली और #उल्टी:-
हार्ट अटैक से पहले हल्के अपच और अन्‍य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं देखने को मिलती हैं लेकिन अक्‍सर इसको नजरअंदाज कर दिया जाता है क्‍योंकि हार्ट अटैक की समस्‍या आमतौर पर बड़े लोगों में पाई जाती है और उनमें आमतौर पर अधिक अपच की समस्‍या होती है। सामान्‍य रूप से पेट में दर्द, अपच, हार्ट बर्न या उल्‍टी की समस्‍या होना हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।

#सीने में #दर्द, दबाव, और #बेचैनी:-------
हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्षण है सीने में दर्द या बेचैनी हालांकि कुछ लोगों को बिल्कुल भी सीने में दर्द का अनुभव नहीं होता। छाती के बीच में बेचैनी, दबाव, दर्द, जकड़न और भारीपन अनुभव करने पर तुरंत डाक्‍टर से संपर्क कर उन्हें चैक करवाना चाहिए।

#शरीर के अन्‍य हिस्‍सों में #दर्द:--------
दर्द और जकड़न शरीर के अन्‍य हिस्‍सों में भी हो सकता है। इसमें बाहों, कमर, गर्दन और जबड़े में दर्द या भारीपन भी महसूस हो सकता है। कभी-कभी यह दर्द शरीर के किसी भी हिस्‍से से शुरू होकर सीधे सीने तक भी पहुंच सकता है। इन लक्षणों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए और संभावित हार्ट अटैक के लिए इनकी जांच की जानी चाहिए।

#परिपूर्णता की #भावना:-------
हार्ट अटैक के पहले से दिखने वाले लक्षणों में परिपूर्णता की भावना भी आती है। इसमें व्‍यक्ति को हर समय भरा हुआ सा महसूस होता है। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि जब ऑक्सीजन युक्त रक्त संचार प्रणाली के माध्यम से नहीं जा पाता तब शरीर पेट में दर्द के संकेतों को भेजकर जवाब देता है।

#चिंता:---------
लगातार होनी वाली चिंता और घबराहट को जीवन में होने वाले विशिष्ट तनाव से नहीं जोड़ा जा सकता है। रात को सोने में कठिनाई होना या रात में चिंता या संकट की भावना के कारण अचानक से उठ जाना भी हृदयाघात के पहले से दिखने वाले लक्षण हैं।

#फ्लू जैसे #लक्षण:---------
चिपच‍िपी और पसीने से तर त्वचा, थका हुआ और कमजोर महसूस होने को अक्‍सर लोग फ्लू के लक्षण माना जाता है लेकिन वास्तव में यह हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा सीने में भारीपन या दबाव की भावना को भी लोग चेस्‍ट कोल्‍ड और फ्लू होने के नाम से भ्रमित होते हैं लेकिन यह हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। ऐसा कोई भी लक्षण दिखाई देेने पर तुरंत डाक्‍टर से संपर्क करें।

पल्‍स और #हार्ट रेट की #धड़कन तेज होना:---
कभी-कभी हार्ट अटैक से पहले दिखने वाले अधिक समान्‍य लक्षण जैसे तेजी से और अनियमित रूप से पल्‍स और हार्ट रेट का चलना हृदय की धड़कन में असामान्य तेजी के रूप में जाना जाता है। यदि यह समस्‍या अचानक से आ जाती हैं तो इस अवधि के दौरान आपका दिल बहुत तेजी से और मुश्किल से धड़कता हैं और यह हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है।

नोट-- अब कुछ ज्ञान की बाते जोड़ रहा हूँ
यदि आप ह्दय घात से बचना चाहते है तो कृपा निम्न बातो का ध्यान रखे

1. अपने घर की निम्न चीजे बदले ----
   @ नमक
   @ घी
   @ तेल, रिफाइ
   @ चीनी
   @ जर्सी गाय , भैस का दूध घी आदि

2. इनका करे उपयोग
     @ केवल सेंधा नमक
     @  केवल सरसो या तिल तेल या मूंगफली तेल
     @ केवल देशी गाय का घी ( देशी गाय की पहचान पीठ पर हम्प होता है)
     @  गुड़
     @  देशी गाय का दूध पिए

परहेज----
चीनी
चाय
मैदा
रिफाइ सोया तेल एबीसीडी सभी ब्रांड के तेल
माँस अंडे आदि

क्या खाए ----
लौकी
तोरी
भिंडी
करेला
हरि सब्जियां
एलोवेरा जूस 20 20 ml सुबह शाम
गौ मूत्र अर्क 10 ml सुबह खाली पेट